गणतंत्र दिवस 26th जनवरी 2024 भाषण ( Republic Day Speech in hindi ) PriyaRanjan


   

                

                        By :- PriyaRanjan


                 चाहता कुछ वयक्त करना पर

                 कला आता नहीं, याद कर इस 

                दिवस को चुप रहा जाता नहीं...!

 आदरणीय प्राचार्य महोदया, शिक्षक गण एवं उपस्थित सज्जनों। 

         गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर मैं सर्वप्रथम उन वीर सपूतों का स्मरण करना चाहता हूं, जिनकी तपस्या के कारण ही हमलोग आज इस स्वतंत्र रूप से लहराते हुए झंडे के नीचे खड़े हो रहे हैं....! 

               नमन उन्हें मेरा शत वार सुख रही हैं

              बोटी बोटी मिलती नहीं खास की रोटी 

              गढ़ते थे इतिहास देश को सहकर 

                   कठिन झुधा की मार 

                नमन उन्हें मेरा शत वार – 2

इसके बाद मैं उन शाहीदो को याद करना चाहूंगा जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी देकर हमें आज़ादी दिलाई थी। 

        " सदियों की कर दी जिसने पल में दूर गुलामी ,

  भारत–माता के उन वीर सपूतों को सौ–सौ बार सलामी "– 2

       


 आज गणतंत्र दिवस का दिन है, इसी दिन हमारा अपना संविधान लागू हुआ था। आज के दिन हमारे देश के राष्ट्रपति राजधानी दिल्ली में तिरंगा झंडा फहराते हैं एवं जनता के नाम संदेश देते हैं। 

            सभी राज्य के राज्यपाल महोदय झंडा फहराते हैं। 

हमारा देश 15th अगस्त 1947 ई० को आजाद हो गया था। इससे पहले 1929 ई० को रावी नदी के तट पर कांग्रेस का एक अधिवेदन हुआ था जिससे भारतवासियों ने पूर्ण स्वाधीनता की प्रतिज्ञा करते हुए भारतीयों को ललकारा था। 

      "मातृभूमि की जो हुई नहीं, फुको उस चढ़ी जवानी को 

  अरी झूमे जिसकी धरती पर धिक्कार है, ऐसे प्राणी को – 2"

इस प्रकार स्वतंत्रता संग्राम की भीषण लड़ाई जारी रही परिणाम स्वरूप :



   " कितने बच्चे अनाथ हो गए, कितनी बहने अपनी हाथो में राखी लिए अपने भाई की कलाई का इंतजार करती रह गई कितनी माताओं की गोद सूनी हो गई "

किसी कवि ने इस दृश्य का वर्णन करते हुए लिखा है :– 

        " बहने चीख रही रावी तट, बिलख रहे बच्चे बेचारे। 

          फूल– फूल से पूछ रहे है, कब लौटेंगे पिता हमारे ! " 



National Security guard
Border Security force









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